Raksha Bandhan क्यों मनाया जाता है, दोस्तों जैसा कि आप सब जानते हैं इस बार हमारे देश मे कोई भी त्यौहार पहले के तरह नहीं मनाया जाने वाला हैं क्योंकि इस बार पूरी दुनिया कोरोना से परेशान हैं।
ऐसे स्थिति में त्योहार मनाना मुमकिन नहीं है और त्यौहार तो हमारे लिये इतना जरूरी हैं कि इसके बिना जिंदगी अधूरी सी लगती हैं इसलिए हमने सोचा कि क्यों न अपने पाठकों के साथ कुछ खुशी बाटी जाए इसके लिए जरूरी हैं कि लोग समझे कि जो त्योहार हम मनाते हैं उसके पीछे का कारण क्या है साथ ही इसके महत्व को भी समझे।
अपने इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिये हम आप के लिए ये आर्टिकल लेकर आये है क्योंकि कुछ ही दिनों में Raksha Bandhan आने वाला है भाई बहन के रिश्ते को इस कोरोना के माहौल में और मजबूत बनाने के लिए हम बात करने वाले हैं कि रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं।
ताकि भाई बहन एक दूसरे से दूर होने के वजह से दुःखी न रहे बल्कि इस त्योहार के असली मायने जानकर इस त्योहार को और ज्यादा खुशी व उत्साह के साथ मनाये।
दोस्तो आप दुनिया में कही भी चले जाएं आप कभी अकेले नहीं रहंगे क्योंकि हम इंसानों की ये आदत होती हैं कि जहाँ भी हम जाते हैं वहाँ लोगो के साथ एक नया रिश्ता बना लेते हैं ये रिश्ते ही तो हैं जो हमारे Life को एक Meaning प्रदान करते हैं इन सभी रिश्तों में भाई बहन रिश्ता सबसे अनोखा होता हैं।
ये एक ऐसा रिश्ता हैं जिसकी जगह दुनिया में कोई भी नहीं ले सकता भाई बहन एक दूसरे पर जान छिड़कते हैं कभी लड़ते हैं तो कभी खूब सारी मस्ती करते हैं भाई बहन एक दूसरे की जितनी चाहे उतनी बुराई कर सकते हैं पर किसी दूसरे के मुँह से अपने भाई या बहन के लिये एक शब्द भी नही सुन सकते इसलिए भाई बहन का रिश्ता सबसे अनोखा होता हैं।
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Raksha Bandhan क्यों मनाया जाता है ?
रक्षाबंधन केवल लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार नहीं है बल्कि ये एक Feeling है जो भाई बहन के रिश्ते को और गहरा बनाती है रक्षाबंधन हर वर्ष अगस्त महीने में मनाया जाता है जिसमें बहन पूरे दिन भूखे रहकर अपने भाई के लिए व्रत रखती है और उससे अपने रक्षा करने का वचन लेती है।
अपने भाई को राखी बांध कर उसे हर मुसीबत से सुरक्षित रहने की प्रार्थना करती हैं राखी केवल एक धागा नहीं बल्कि एक बहन के विश्वास का प्रतीक हैं फिर अपने भाई को मिठाई खिलाकर बहन अपना व्रत पूरा करती है।
Raksha Bandhan के दिन भाई अपने बहन को पूरी जिंदगी रक्षा करने का वचन देता है और अपने बहन के लिए अपना प्यार दिखाने के लिए अपनी बहन को gift देता है ।
रक्षाबंधन केवल मिठाई खाने या Gift लेने का एक दिन नहीं बल्कि इससे कहीं ज्यादा अधिक हैं रक्षाबंधन रक्षा और बंधन इन दो शब्दों से मिलकर बना है इसमें रक्षा का अर्थ है भाई का अपने बहन की रक्षा करना एवं बंधन यानि भाई बहन के रिश्ते को मजबूत बनाना है।
Raksha Bandhan का त्यौहार भाई-बहन के बीच के कड़ी को और मजबूत बनाता है रक्षा बंधन रक्षा करने का वादा है जो दुनिया का हर भाई अपने बहन को करता हैं जरूरी नहीं कि केवल जन्म से ही जो भाई बहन हैं।
सिर्फ वही इस त्योहार को मनाएं कोई भी इंसान जो इस त्योहार के महत्व को समझता है वो इस त्योहार को मना सकता हैं बहुत से लोग जिनके अपने भाई बहन नहीं होते वो उन्हें राखी बाँधते या बँधवाते हैं जिन्हें वे भाई या बहन मानते हैं।
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रक्षा बंधन से जुड़ी कुछ कहानियां ?
राजा बली और मा लक्ष्मी की कहानी :- विष्णुपुराण के कथाओ की माने तो जब विष्णु जी ने राजा बलि को हरा दिया था तब राजा बलि ने विष्णु जी को उनके साथ उनके महल में रहने का आग्रह किया और उनसे वचन लिया माता लक्ष्मी को विष्णु जी और राजा बलि की मुझे अच्छी नहीं लगती थी।
उन्होंने वापस चलने के लिए कहा विष्णु जी वचन से बंधे हुए थे इसीलिए माता लक्ष्मी ने एक रक्षा धागा राजा बलि के हाथ में बांध दिया और उन्हें भाई मानकर के लिए प्रार्थना की इस पर राजा बलि ने माता लक्ष्मी को उनका मनचाहा वरदान मांगने क लिए कहा तब माता लक्ष्मी ने राजा बलि से मांगा कि वह अपने वचन को वापस लेले राजा बलि ने माता की बात मानी और उन्हें अपना बहन बना लिया।
कृष्ण और द्रौपदी की कहानी :- महाभारत युद्ध में जाने से पहले पांडव पत्नी द्रौपदी ने कृष्ण जी के रक्षा हेतु उनके हाथ पर राखी बांधी थी इसी युद्ध में कुंती ने भी अपने पोते अभिमन्यु के रक्षा हेतु रक्षा धागा बांधा था।
सिकंदर और राजा पोरस की कहानी :- सिकंदर जब भारत आया था तब उसका युद्ध राजा पोरस के साथ होने वाला था उस समय सिकंदर की पत्नी रोशंक ने राजा पोरस को एक राखी भेजी और साथ ही एक पत्र भी भेजा जिसमें उसने विनती की कि राजा पोरस सिकंदर पर जानलेवा हमला नहीं करेगा ऐसा ही हुआ जब युद्ध हुआ तब राजा पोरस ने अपनी कलाई में बंधी राखी देखी और सिकंदर पर कोई भी जानलेवा प्रहार नहीं किया।
रानी कर्णावती और हुमायूं की कहानी :- इतिहास में ऐसे कई सारी घटनाएं हैं जो हम नहीं जानते यह घटना इनमें से ही एक है ऐतिहासिक गाथाओं की माने तो ऐसा माना जाता है कि रानी कर्णावती हुमायूं से संबंधित थी सन १५३५ में जब चित्तौड़ पर सुल्तान बहादुर शाह का हमला होने वाला था।
तब चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने हुमायूं जो उनका पहले दुश्मन था उनके लिए राखी भेजी और बहन के नाते उनसे मदद मांगी हुमायूं ने भाई होने का फ़र्ज़ पूरा किया अपने बहन कि मदद की ऐसी बहुत सारी कहानियां है जो रक्षाबंधन के महत्व को दिखाते हैं।
दुसरे धर्मों में रक्षाबंधन :- हमे लगता है कि केवल हिन्दू लोग ही इस त्योहार को मनाते हैं पर ऐसा नहीं है दूसरे धर्म के लोग भी इस त्योहार को मनाते हैं।
1. जैन धर्म : जैन धर्म में जैन पंडित अपने भक्तों को रक्षा धागा बांधते हैं।
3. सिख धर्म : सिख धर्म में इस त्यौहार को राखाड़ी या राखरी कहा जाता हैं इस धर्म मे भी ये त्योहार भाई बहन के बीच मनाया जाता है।
इतना ही नहीं नेपाल में भी लोग इस त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं।
दोस्तों मुझे आशा हैं कि आप को हमारा ये आर्टिकल पसन्द आया होगा इस आर्टिकल को पढ़ कर आप इस त्योहार के असली मायने जान ही गये होंगे तो दोस्तों इस आर्टिकल को अपने भाई बहन व अन्य रिस्तेदारों के साथ भी शेयर कीजिये ताकि वे भी इसके असली मायने जान सके धन्यवाद।