Ganesh Chaturthi Kyu Manaya Jata Hai 2020 ( गणेश चतुर्थी )

0
173
Ganesh Chaturthi Kyu Manaya Jata Hai 2020 ( गणेश चतुर्थी )
Ganesh Chaturthi Kyu Manaya Jata Hai 2020 ( गणेश चतुर्थी )

दोस्तों बस कुछ ही दिनों में हमारे सभी त्यौहार शुरू होने वाले हैं मुझे लगता हैं कि आप सब भी मेरे तरह आने वाले त्यौहारों की खुशी में बहुत उत्साहित होंगे और जैसा कि हम सब जानते हैं हमारे त्यौहारों की शुरुआत Ganesh Chaturthi यानि गणेश पूजा से होती हैं कुछ दिनों में हमारे घरों में भगवान गणेश जी का आगमन होने वाला हैं।

लोक मान्यताओं की बात करे तो गणेश जी का आगमन हमारे घरों में 10 दिनों के लिये होता हैं पर कुछ लोग अपने इच्छानुसार भी इनका आगमन 1 दिन, 3 दिन व 5 दिनों के लिये भी करते हैं पर महराष्ट्र जहाँ का गणेश पूजा पूरी दुनिया मे फेमस हैं वहाँ गणेश पूजा 10 दिनों के लिए मनाई जाती हैं बप्पा के आवाहन के बिना कोई भी पूजा सम्पन्न नहीं हो सकती यही कारण हैं कि हर वर्ष के तरह इस वर्ष भी गणेश पूजा भाद्रपद के महीने में 22 अगस्त 2020 को मनाया जायेगा।

पर इस बार कोरोना के वजह से हम सब अपने प्यारे त्योहारों को उस तरह से नहीं माना सकते जैसे पिछले सालों में मनाते थे इसीलिए आप सभी के उत्साह को बनाये रखने के लिये हम आप के लिए यह आर्टिकल लेकर आये हैं जिसमे हम बात करने वाले हैं कि Ganesh Chaturthi क्यों मनाई जाती हैं।

क्योंकि यह हमारा सबसे पसंदीदा व पहला त्यौहार हैं तो इसके महत्व को जानना हमारे लिए बहुत जरूरी हैं बहुत से लोग त्यौहारों को बड़े ही उत्साह और प्रेम से मनाते हैं पर वे लोग उन त्योहारों को मनाने का असली कारण नहीं जानते हैं इसलिए हमने सोचा कि क्यों न लोगों को हमारे त्योहारों के महत्व के बारे में बता कर उनकी खुशी व उत्साह को बनाये रखे गणेश चतुर्थी के महत्व को समझने के लिये इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िये।

यहाँ पढ़े:- Janmashtami Kyu Manaya Jata Hai 2020 ( श्रीकृष्ण जन्माष्टमी )

गणेश चतुर्थी क्यूँ मनाया जाता है ?

गणेश चतुर्थी के बारे में किसे पता नहीं होता गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी भी कहते हैं हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक उत्सव हैं ये दिन भगवान शिव और माता पार्वती के प्रिय पुत्र गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता हैं।

गणेश जी जिन्हें लोग प्यार से बप्पा पुकारते हैं इस दिन उनकी आराधना की जाती हैं इन दिनों सभी जगहों पर भक्ति के ही रंग दिखाई देते हैं जगह जगह पर सुंदर सुंदर पंडाल बनाये जाते हैं और वहाँ बप्पा का आगमन होता हैं साथ ही साथ लोग बप्पा की प्रतिमा को अपने घरों में लाते हैं और बड़े प्रेम से उनकी पूजा अर्चना करते हैं बप्पा को सुंदर फूलो से सजाया जाता हैं उन्हें मोदक और लड्डूओं के भोग लगाये जाते हैं सुबह शाम दो बार उनकी आरती की जाती हैं कई जगहों पर इस खुशी के अवसर पर में भंडारों का आयोजन किया जाता हैं।

यहाँ पढ़े:- Happy Ganesh Chaturthi Shayari 2020

Ganesh Chaturthi Mein Kiye Jane Wale Karyakram ?

गणेश जी के आगमन से लोगों के घरों में भक्ति और खुशी का वातावरण छा जाता हैं गणेश चतुर्थी के पहले दिन गणेश जी की प्रतिमा को बड़े धूम धाम से घरों में लाया जाता हैं फिर उन्हें खूबसूरती से सजाये मंडप पर बिराजा जाता हैं उसके बाद बप्पा को मोदक और लड्डूओं के भोग लगाये जाते है उनकी पूजा की जाती हैं आरती उतारी जाती हैं महाराष्ट्र में तो इन दिनों सिर्फ हर जगह भक्ति के ही रंग देखने को मिलते है ।

Note : इतिहास की माने तो सबसे पहले वीर शिवाजी ने गणेश चतुर्थी को सार्वजनिक तौर पर मनाने की शुरुआत की थी।

यहाँ पढ़े:- Raksha Bandhan Kyu Manaya Jata Hai, रक्षाबंधन का इतिहास, कहानी ?

Ganesh Chaturthi Se Judi Kuch Kahaniya ?

हमारे हिन्दू माइथोलॉजी की सबसे खास बात ये हैं कि ये कहानियों से भरा हुआ है गणेश चतुर्थी के विषय मे भी कई सारे लोक कथाये प्रचलित हैं जिसमे से कुछ हम आप को इस आर्टिकल में बताने वाले है…

गणेश जी की जन्म की कहानी :

लोक कथाओं में ऐसा माना जाता हैं कि गणेश जी को माता पार्वती अपने शरीर के मैल से बनाती हैं और उन्हें द्वार पर खड़े रहने के लिये कहती हैं जब वो अंदर स्नान करने के लिये जाती हैं माता गणेश जी से कहती हैं कि कोई भी द्वार के भीतर नहीं आना चाहिए।

गणेश जी माता के आदेश का पालन करते हैं और द्वार पर खड़े रहते हैं उसी समय भगवान शिव आते हैं और द्वार के अंदर जाने की इच्छा रखते हैं तब गणेश जी शिव जी को रोक देते हैं और भीतर जाने नहीं देते गणेश जी की इस हट से क्रोधित होकर शिव जी उनपर त्रिसूल से प्रहार कर देते हैं जिसे गणेश जी का सिर उनके धड़ से अलग हो जाता हैं इससे माता पार्वती बहुत क्रोधित हो जाती हैं।

उनके क्रोध को शान्त करने के लिये गणेश जी पर हाथी का सिर लगाया गया माता पार्वती ने शिव जी से कहा कि अब सब गणेश जी का मजाक बनायेंगे तब सारे देवी देवताओं ने गणेश जी को वरदान दिया और शिव ने उन्हें प्रथम पूज्य होने का वरदान दिया जिससे सारे भगवान से पहले उनकी पूजा की जाती हैं उस दिन गणेश जी का पुनर्जन्म होता है इसलिए गणेश चतुर्थी के दिन का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

भगवानों में श्रेष्ठ गणेश जी :

लोक कथाओं में एक और कहानी है जो ये बताती है कि क्यों गणेश जी की पूजा सबसे पहले होती है एक बार भगवानों के बीच ये सवाल उठा कि सबसे श्रेष्ठ भगवान कौन हैं तब नारद जी इस समस्या का एक समाधान देते है और कहते है कि जो कोई भी पूरे ब्रह्मांड का ३ बार चक्कर लगाकर पहले आएगा वहीं सर्वश्रेष्ठ भगवान माना जाएगा।

पर गणेश जी का वाहन तो एक चूहा है उन्हें ब्रह्मांड का चक्कर लगाने में बहुत समय लग जाएगा तब गणेश जी अपनी बुद्धिमानी का सबूत देते हुए अपने माता पिता यानि भगवान शिव और माता पार्वती के 3 चक्कर लगाते हैं और उसने पर गणेश जी कहते हैं।

कि माता पिता के अंदर पूरा ब्रह्मांड समाया है माता-पिता का चक्कर लगाने का मतलब पूरे ब्रह्मांड के चक्कर लगाना है उनकी बुद्धिमानी से प्रसन्न होकर सभी भगवान गणेश जी को सर्वश्रेष्ठ भगवान मानते हैं और उनकी पूजा सबसे पहले होने का वरदान देते हैं।

जो कहानियां हमने आप को बताई वो स्पष्ट करता है कि क्यों गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।

Dusre Country Mein Ganesh Chaturthi:-

गणेश पूजा सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु दूसरे देशों में भी मनाई जाती हैं जैसे नेपाल, जपान, इंडोनेशिया इन देशों के अलावा भी कुछ ऐसे देख हैं जहाँ गणेश चतुर्थी मनाई जाती हैं।

दोस्तो मुझे आशा है कि आपको हमारे आर्टिकल पसंद आया होगा इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद अब समझ ही गए होंगे कि गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है अगर आपको हमारे आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ भी शेयर कर सकते हैं अगर आप किसी त्योहार के बारे में जानना चाहते हैं तो उसका नाम आप नीचे कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं धन्यवाद।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here